माइग्रेन की समस्या को दूर करने के प्राकृतिक अचूक उपाय

The sure way to overcome the problem of migraine natural

माइग्रेन का दर्द होने पर आप देशी घी में गुड खायें यह आधे सिर मे होने वाले दर्द से निजात दिलाता है। यदि दर्द सुबह से ही होने लगे तो आप दूध में जलेबी या रबड़ी का सेवन करें। एैसा करने से आधे सीसी का दर्द रूक जाता है।माइग्रेन के दर्द से यदि उल्टी हो रही हो तो खाने के समय में रोगी को शहद खिलाएं एैसा करने से उल्टी और दर्द बंद हो जाता है। यदि दर्द सुबह से ही शुरू हो जाता है तो तुलसी के पत्तों को छाया में सुखाकर उसका चूर्ण बना लें और फिर इसमें शहद मिलाकर दिन में तीन बार चाटें। यह दर्द में राहत देगा और धीरे-धीरे माइग्रेन के प्रभाव को कम करेगा।
आधे सिर के हिस्से में दर्द ज्यादा हो तो आप रोगी को आधा चम्मच शहद में आधा चम्मच नमक मिलाकर चटाएं। हींग भी माइग्रेन के दर्द से रहात देने में असरकारी है। आप पानी में हींग को अच्छी तरह से घोल लें फिर इसे सूंघे और इसका लेप माथे पर लगाएं। दर्द से निजात मिलेगा।
अंगूर का रस सुबह पीने से माइग्रेन के दर्द से निजात मिलता है। सुबह से शुरू होने वाले दर्द में आप सुबह-सुबह ही 150 ग्राम पानी में 50 ग्राम शक्कर मिलाकर धीरे-धीरे पीएं यह सिर दर्द से मुक्ति दिलवाता है। आधे सिर के दर्द से निजात पाने के लिए आप सूर्योदय से पहले उठकर 25 ग्राम खील को शहद के साथ सेवन करें और फिर आधे घंटे की नींद लें एैसा 1 सप्ताह तक करने से माइग्रेन के दर्द से मुक्ति मिलती है।
लहसून माइग्रेन के दर्द से निजात दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लहसून को पीस कर उसका लेप दर्द वाली जगह पर लगाने से दर्द से निजात मिलता है साथ ही आप लहसून के रस की दो छोटी बूंदे नाक के छिद्र में डालें।
माइग्रेन का सही समय पर इलाज होना जरूरी है क्योंकि इस दर्द से रोगी बेचैन हो जाता है और गलत दवाइयों का सेवन करने लगता है। जिसकी वजह से दूसरी और बीमारियां रोगी को लग जाती है। आयुर्वेद में माइग्रेन का सटीक इलाज मौजूद है लेकिन यदि दर्द बहुत ही तेज है तो आप तुरंत डाक्टर को दिखाना न भूलें।
माइग्रेन के कारण
माइग्रेन होने के कई कारण हो सकते हैं। काम की थकान, तनाव, समय पर भोजन न करना, धूम्रपान, तेज गंध वाले परफ्यूम से, बहुत ज्यादा या कम नींद लेना इसका कारण हो सकते हैं। इसके अलावा मौसम का बदलाव, हार्मोनल परिवर्तन, सिर पर चोट लगना, आंखों पर स्ट्रेस पड़ना या तेज रोशनी, एक्सरसाइज न करने से भी माइग्रेन की परेशानी उत्पन्न हो सकती है। कई लोगों को तेज धूप, गर्मी या ठंड से भी परेशानी होती है। जिन लोगों को हाई या लो ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और तनाव जैसी समस्याएं होती हैं उनके माइग्रेन से ग्रस्त होने की आशंका बढ जाती है। कई बार तो केवल इन्हीं कारणों से माइग्रेन हो जाता है।
माइग्रेन का इलाज:-कभी-कभार माइग्रेन का हल्का-फुल्का दर्द होने पर दैनिक काम प्रभावित नहीं होता। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे रोगी बिना किसी डाक्टरी राय के सीधे दवाई विक्रेता से मिलने वाले आम दर्दमारक दवाइयां ले सकते हैं, जैसे कि क्रोसीन या गैर-स्टैरॉयड जलन मिटाने वाली गोलियां डिस्प्रिन, ब्रूफेन और नैप्रा।
भीषण दर्द होने पर दो प्रकार की दवाएं काफी प्रभावशाली होती हैं, जिन्हें इन रोगियों को सदा अपने साथ रखना चाहिए। पहली- जलन मिटाने वाली कैफीन रहित गोलियां नैप्रा-डी, नैक्सडॉम और मेफ्टल फोर्ट। और दूसरी ट्रिप्टान दवाएं- जैसे कि सुमिनेट टैब्लेट, नैसाल स्प्रे या इंजेक्शन, राइज़ैक्ट या फिर ज़ोमिग। पहले ट्रिप्टान दवाएं तब दी जाती थीं, जब माइग्रेन पर आम पेन किलर्स का कोई असर नहीं होता था। इसके बाद नए शोध से पता चला कि भीषण दर्द में सीधे ही ट्रिप्टान दवाओं का सहारा लेना अधिक कारगर होता है। ट्रिप्टान दवाएं दर्द शुरू होने से पहले, या मामूली दर्द शुरू हो जाने पर भी ली जा सकती हैं। इससे इनका असर बढ़ जाता है। ऐसा करके माइग्रेन के ८० प्रतिशत हमलों को दो घंटे में खत्म किया जा सकता है। इससे दवा का दुष्प्रभाव (साइड-इफैक्ट) भी कम हो जाता है, और अगले २४ घंटों में माइग्रेन दर्द की संभावना भी नहीं रहती।
वैज्ञानिको के अंनुसार जो लोग माइग्रेन के दर्द से पीड़ित होते हैं उन्हें छोटी-सी सर्जरी से फ़ायदा हो सकता है।अमरीकी डॉक्टरों का कहना है कि यदि माथे और गर्दन की कुछ माँसपेशियाँ हटा दी जाएँ तो इससे माइग्रेन से छुटकारा दिलाया पाया जा सकता है। इन डॉक्टरों ने एक साल में माइग्रेन से पीड़ित सौ लोगों की सर्जरी की और पाया कि उनमें से ९० लोगों को या तो माइग्रेन से छुटकारा मिल गया था या फिर उसमें भारी कमी आई थी।
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