साबुन नहीं मुल्तानी मिट्टी करें इस्तेमाल, जानिए ऎसे ही कुछ नैचुरल फैक्ट्स

यह सच है कि आप चाहकर भी अपनी लाइफस्टाइल नहीं बदल सकते और न ही ऎसी चीजों को छोड़ सकते हैं जो आपकी जीवनशैली का हिस्सा बन चुकी हैं। लेकिन आप सचेत रह सकते हैं और खतरों को कम कर सकते हैं। आखिर कब हम पूर्ण स्वास्थ्य को प्राप्त कर पाएंगे? इसका जवाब खोजने के लिए हमें "बैक टू बेसिक्स" के सिद्धांत पर काम करना होगा। हमें फिर से कुदरत के करीब जाना होगा-

सच्चे स्वास्थ्य का इंतजार

आपको अपने खानपान, रहन-सहन और दिनचर्या में बदलाव करना होगा। आपको कृत्रिम चीजों के बजाय कुदरती चीजों का इस्तेमाल करना होगा। अगर आप बनावटी संसार में फंसे रहेंगे तो सच्ची सेहत कभी प्राप्त नहीं कर पाएंगे। यह सच है कि आप एकदम से अपनी लाइफस्टाइल नहीं बदल सकते और न ही खतरनाक चीजों को फौरन अपने जीवन से बाहर निकाल सकते हैं। लेकिन जानकारी होने पर सचेत रहकर खतरों को कम कर सकते हैं। सच्चा स्वास्थ्य आपका इंतजार कर रहा है। ... तो फिर देर किस बात की, जानते हैं उन तरीकों के बारे में जो सेहत में सकारात्मक बदलाव लेकर आएंगे। लेकिन इन बदलावों के लिए आपको सबसे पहले अच्छी सेहत के लिए दृढ़ निश्चय करना होगा।
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दातुन चबाएं

कई शोध टूथपेस्ट को कैंसर का कारक बता रहे हैं। ऎसे में नीम की दातुन का इस्तेमाल कर सकते हैं। दांतों के लिए नीम की दातुन काफी फायदेमंद रहती है। अगर नियमित तौर पर दातुन न मिले तो भी खाली ब्रश करके या सप्ताह में केवल दो बार पेस्ट लगाकर भी हम खतरे को कम कर सकते हैं।

मुल्तानी मिट्टी लगाएं
आज के जमाने में कई लोग खुशबू के फेर में तरह-तरह के साबुन इस्तेमाल करते हैं। इन साबुनों में कई तरह के कैमिकल होते हैं जो कई बीमारियों का कारण बन सकते हैं। आप साबुन के बजाय मुल्तानी मिट्टी को नहाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर नहाते वक्त सफाई का पूरा खयाल रखा जाए तो वैसे भी साबुन की जरूरत नहीं रहती।

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पानी को उबालकर पिएं

आज ज्यादातर घरों में पानी साफ करने के लिए आरओ मशीन लगी हुई है। लेकिन कई बार ज्यादा मशीनी पानी भी नुकसान दे सकता है। आरओ की जगह पर पानी को अच्छी तरह से उबालकर तांबे के बर्तन में रखकर इस्तेमाल किया जा सकता है। जैन धर्म में धोवन पानी की परंपरा है। पानी में राख मिलाकर धोवन पानी तैयार किया जाता है।
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सूती कपड़े और नीम
आजकल फॉइल पेपर में रोटियां लपेटकर रखी जाती हैं। इसके स्थान पर सूती कपड़े में भी रोटियां रखी जा सकती हैं। रेफ्रिजरेटर के इस्तेमाल को भी सीमित करने की जरूरत है। वहीं नीम की पत्तियां कीटाणुओं का नाश कर सकती हैं। इन्हें पानी में उबालकर इस्तेमाल में लिया जा सकता है। यह एंटीसेप्टिक लिक्विड का विकल्प हो सकती हैं।

दवाओं का ज्यादा सेवन
बात-बात में पेनकिलर लेना कैंसर के कारक हो सकते हैं। हमें अपनी सहनशीलता बढ़ानी चाहिए। थोड़ी-सी परेशानी होने पर दवाइयों के पीछे नहीं भागना चाहिए। इसके बजाय घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
Roshni Chand's photo.



साबुन नहीं मुल्तानी मिट्टी करें इस्तेमाल, जानिए ऎसे ही कुछ नैचुरल फैक्ट्स साबुन नहीं मुल्तानी मिट्टी करें इस्तेमाल, जानिए ऎसे ही कुछ नैचुरल फैक्ट्स Reviewed by Unknown on 08:34 Rating: 5

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